वास्तुशांती पुजा ही नवीन घर, दुकान, कार्यालय किंवा इतर कोणत्याही वास्तूत सकारात्मक ऊर्जा निर्माण करण्यासाठी केली जाणारी धार्मिक प्रक्रिया आहे. हिंदू धर्मात घराला केवळ वास्तू मानले जात नाही, तर ते एक पवित्र स्थान आहे जिथे सुख, शांती आणि समृद्धी वास करावी, यासाठी देवतांची कृपा आवश्यक मानली जाते.
ही पुजा वास्तु दोष, नकारात्मक ऊर्जा आणि अडथळे दूर करण्यासाठी केली जाते. भगवान गणपती, वास्तु देवता, नवग्रह आणि दिशांचे रक्षक देव यांची पुजा केली जाते.
नवीन घर किंवा कार्यालयात प्रवेश करताना (गृहप्रवेशावेळी), घरात मोठ्या नकारात्मक घटना घडल्यास किंवा वारंवार त्रास होत असल्यास, घरात वास्तु दोष असल्यास, किंवा घराचे नूतनीकरण (renovation) केल्यानंतर पुजा करावी.
पुष्य नक्षत्र, सोमवार, गुरुवार आणि पूर्णिमा हे दिवस विशेष शुभ मानले जातात.
पूजेच्या आधी संपूर्ण घर स्वच्छ आणि शुद्ध करून तयार केले जाते. गणपतीपूजन, कलश स्थापन, पंचगव्य स्नान आणि नवग्रह पुजा केली जाते.
वास्तु पुरुषाला प्रसन्न करण्यासाठी विशेष हवन (होम) केला जातो. महामृत्युंजय मंत्र, वास्तु मंत्र आणि स्वस्तिवाचन केले जाते. शेवटी मंगल आरती करून प्रसाद वाटप केले जाते.
वास्तुशांती पुजा नव्या वास्तूत शुभता आणि आनंद निर्माण करण्यासाठी अत्यंत आवश्यक मानली जाते.
वास्तुशांति पुजा नए घर, दुकान, कार्यालय या किसी अन्य स्थान में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए की जाने वाली धार्मिक प्रक्रिया है। हिंदू धर्म में घर को सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि एक पवित्र स्थान माना जाता है, जहां सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे, इसके लिए देवी-देवताओं की कृपा आवश्यक मानी जाती है।
यह पुजा वास्तु दोष, नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं को दूर करने के लिए की जाती है। भगवान गणपति, वास्तु देवता, नवग्रह और दिशाओं के रक्षक देवताओं की पुजा इस अनुष्ठान में की जाती है।
नए घर या कार्यालय में प्रवेश करते समय (गृहप्रवेश के दौरान), यदि घर में नाकारात्मक घटनाएँ हो रही हों या बार-बार परेशानियां आ रही हों, या घर में वास्तु दोष हो तो पुजा करनी चाहिए।
पुष्य नक्षत्र, सोमवार, गुरुवार और पूर्णिमा के दिन यह पुजा विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।
पुजा से पहले पूरे घर को स्वच्छ और शुद्ध करके तैयार किया जाता है। गणपति पूजन, कलश स्थापना, पंचगव्य स्नान और नवग्रह पुजा की जाती है।
वास्तु पुरुष को प्रसन्न करने के लिए विशेष हवन (होम) किया जाता है। महामृत्युंजय मंत्र, वास्तु मंत्र और स्वस्तिवाचन किया जाता है। अंत में मंगल आरती कर प्रसाद का वितरण किया जाता है।
वास्तुशांति पुजा नए घर या स्थान में शुभता और आनंद लाने के लिए अत्यंत आवश्यक मानी जाती है।
Vastu Shanti Puja is a religious ritual performed to bring positive energy into a new home, shop, office, or any other space. In Hinduism, a house is not just a building but is considered a sacred place where happiness, peace, and prosperity should reside, and for this, the blessings of deities are essential.
This puja is performed to remove Vastu defects, eliminate negative energies, and clear any obstacles. Worship is offered to Lord Ganesha, Vastu Devta, Navagrahas (nine planets), and the guardian deities of different directions.
When entering a new home or office (during Griha Pravesh), if there are frequent disturbances or negative incidents, or if the house has Vastu defects. Also after renovation or reconstruction. The puja should be performed on an auspicious date and time as per the Hindu Panchang. Pushya Nakshatra, Monday, Thursday, and Purnima are considered highly auspicious.
The entire house is cleaned and purified before the puja. Ganapati Puja, Kalash Sthapana, Panchagavya Snan, and Navagraha Puja are performed. A special Havan (fire ritual) is conducted to please Vastu Purusha. Chanting of the Maha Mrityunjaya Mantra, Vastu Mantras, and Swasti Vachan is done. Finally, an auspicious Aarti is performed, followed by Prasad distribution.
Vastu Shanti Puja is considered essential for bringing auspiciousness and happiness to a new home or space.